Zoho के CEO श्रीधर वेम्बु का बड़ा संदेश निवेशकों के लिए: शेयरों के पीछे न भागें, असली कौशल विकसित करें
आज की दुनिया में, जब लोग तेजी से पैसे कमाने के सपने देखते हैं और निवेश के माध्यम से धन अर्जित करने की कोशिश करते हैं, Zoho के CEO श्रीधर वेम्बु ने निवेशकों को एक नई दिशा दिखाने का प्रयास किया है। हाल ही में उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया, जो न केवल निवेशकों के लिए बल्कि उन सभी के लिए है जो वित्तीय स्थिरता और दीर्घकालिक सफलता की तलाश में हैं। उन्होंने कहा, "शेयरों के पीछे न भागें, बल्कि असली कौशल का निर्माण करें।"
निवेश की मौजूदा मानसिकता
आज के समय में, विशेष रूप से युवा पीढ़ी, तेजी से पैसा कमाने के लिए शेयर मार्केट और क्रिप्टोकरेंसी जैसी जगहों पर निवेश करती है। हालांकि, इसमें जोखिम भी होता है, और अधिकतर निवेशक बिना पर्याप्त ज्ञान के केवल मुनाफे की उम्मीद में पैसे लगाते हैं। शेयर बाजार में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है और इसमें मुनाफा कमाना हमेशा सुनिश्चित नहीं होता।
श्रीधर वेम्बु ने अपने अनुभव और उद्योग की गहरी समझ के आधार पर निवेशकों को सलाह दी है कि केवल स्टॉक्स और शॉर्ट-टर्म मुनाफे के पीछे भागने के बजाय असली कौशल में निवेश करना चाहिए। कौशल ही वह संपत्ति है, जो जीवनभर काम आता है और जो किसी भी आर्थिक संकट या बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता।
असली कौशल का महत्व
वेम्बु का मानना है कि किसी भी व्यक्ति की असली संपत्ति उसका ज्ञान, कौशल और उसकी क्षमता है। जब व्यक्ति अपने कौशल को विकसित करता है, तो उसे न केवल व्यक्तिगत विकास मिलता है, बल्कि उसे अपने करियर में भी बेहतर अवसर प्राप्त होते हैं।
उद्योग की आवश्यकता के अनुसार कौशल को विकसित करना आज के समय की सबसे बड़ी मांग है। टेक्नोलॉजी, डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में गहरी समझ रखने वाले लोग न केवल अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ बन सकते हैं, बल्कि लंबे समय तक वित्तीय स्थिरता भी प्राप्त कर सकते हैं।
श्रीधर वेम्बु की खुद की यात्रा इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने बिना किसी बाहरी निवेश के अपने स्टार्टअप Zoho को एक अरब डॉलर की कंपनी में तब्दील कर दिया। उन्होंने हमेशा कौशल, कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति की असली ताकत उसकी शिक्षा और उसके द्वारा अर्जित कौशल में होती है।
निवेशकों को दी गई सलाह
श्रीधर वेम्बु की सलाह केवल शेयर बाजार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में लागू होती है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि शेयरों के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होकर जल्दबाजी में निर्णय लेने के बजाय उन्हें खुद के विकास में निवेश करना चाहिए।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति प्रोग्रामिंग सीखता है, तो वह नए स्टार्टअप या बड़ी कंपनियों में काम कर सकता है। इसी तरह, अगर कोई व्यक्ति डिजिटल मार्केटिंग या डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करता है, तो उसे भविष्य में ज्यादा और बेहतर मौके मिल सकते हैं।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण का महत्व
वेम्बु के विचारों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण का बड़ा महत्व है। उनका मानना है कि व्यक्ति को हमेशा दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, न कि केवल शॉर्ट-टर्म मुनाफे के पीछे भागना चाहिए। असली कौशल का निर्माण न केवल वित्तीय सफलता दिलाता है, बल्कि व्यक्ति को मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास भी प्रदान करता है।
शेयर बाजार में निवेश करते समय भी एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना जरूरी है। कंपनी के मूल्यों, उसके भविष्य के दृष्टिकोण और उद्योग में उसके स्थान को देखकर निवेश करना चाहिए, न कि केवल तात्कालिक मुनाफे के लिए।
निष्कर्ष
श्रीधर वेम्बु का संदेश आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक है। जहां लोग तेजी से पैसा कमाने के लिए अलग-अलग माध्यमों में निवेश कर रहे हैं, वहीं वेम्बु ने असली संपत्ति – कौशल – में निवेश करने पर जोर दिया है। उनका मानना है कि असली कौशल का निर्माण ही वह रास्ता है जो किसी भी व्यक्ति को दीर्घकालिक सफलता और आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकता है।
निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण संदेश है कि वे केवल शेयरों के पीछे न भागें, बल्कि खुद के विकास में, अपनी शिक्षा और कौशल में निवेश करें। यही वह रास्ता है जो उन्हें वास्तविक सफलता की ओर ले जाएगा।
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