छठ पूजा पर घर जाने की जद्दोजहद: यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
छठ पूजा का पर्व उत्तर भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, और इसे लेकर लोगों में गजब का उत्साह होता है। हर साल लाखों लोग अपने घर लौटते हैं ताकि वे इस पावन पर्व को अपने परिवार के साथ मना सकें। लेकिन इस उत्साह के बीच यात्रियों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस बार भी दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों से घर लौटने वाले यात्रियों की परेशानियों ने एक नया ही रूप ले लिया है।
आधी रात से लगी लंबी लाइनें
त्योहार के करीब आते ही रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ जाती है। इस बार कई यात्रियों ने आधी रात से ही रेलवे स्टेशन पर लाइन में लगना शुरू कर दिया था। टिकट मिलने की उम्मीद में लोग पूरी रात जागकर लाइन में खड़े रहे, लेकिन स्थिति यह हो गई कि कई लोगों को सुबह तक भी टिकट नहीं मिल पाया। ऐसी हालत में स्टेशन पर बैठे-बैठे या लाइन में खड़े-खड़े कई यात्री बेहोश हो गए।
व्यवस्था की कमी और भीड़ पर नियंत्रण की चुनौती
रेलवे और परिवहन सेवाओं द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की जाती है, लेकिन यात्रियों की संख्या इतनी अधिक होती है कि यह नियंत्रण काफी मुश्किल हो जाता है। टिकट के लिए मारामारी, लंबी-लंबी कतारें, और गर्मी की वजह से कई लोग थक कर चूर हो जाते हैं। कई स्टेशन पर पीने के पानी और प्राथमिक उपचार की सुविधाओं का भी अभाव होता है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
महिला और बच्चों की स्थिति
यात्रा में महिला यात्रियों और बच्चों को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सुरक्षा के लिहाज से महिलाओं के लिए लंबी कतारों में खड़े रहना मुश्किल हो जाता है, वहीं छोटे बच्चों को संभालना भी कठिन हो जाता है। कई महिला यात्री इस हालत में परेशान होती हैं और सुविधाओं की कमी से झुंझलाहट महसूस करती हैं।
समाधान की आवश्यकता
हर साल छठ पूजा के समय ऐसी स्थिति बनती है, तो क्या इसे स्थायी समाधान नहीं मिल सकता? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएं और टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाया जाए, तो भीड़ को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं को सुधारने की आवश्यकता है ताकि यात्रा में यात्रियों को कम से कम असुविधा हो।
छठ पूजा पर घर जाने की यह जद्दोजहद निश्चित रूप से कठिन है, लेकिन लोगों का अपनी परंपराओं और परिवार से मिलने का जुनून उन्हें हर कठिनाई से लड़ने की ताकत देता है। उम्मीद है कि आने वाले समय में यात्रियों की ये परेशानियां कम होंगी और वे सुरक्षित और सुगम यात्रा का आनंद ले पाएंगे।
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