लोकसभा 29% और राज्यसभा 34% ही चली, संसद का ‘सबसे कम उत्पादक’ मानसून सत्र – मुख्य बिंदु
संसद का मानसून सत्र 2025 अब तक का सबसे कम उत्पादक सत्र माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा 29% और राज्यसभा 34% ही चली, संसद का ‘सबसे कम उत्पादक’ मानसून सत्र – मुख्य बिंदु सामने आए हैं।
लोकसभा की कार्यवाही का मात्र 29% और राज्यसभा का सिर्फ 34% समय ही कामकाज के लिए उपयोग हो सका। लगातार हंगामे, बहस और विपक्ष-सरकार के टकराव के कारण कई अहम विधेयक लंबित रह गए। इस दौरान प्रश्नकाल और शून्यकाल जैसे महत्वपूर्ण सत्र भी प्रभावित हुए।
मुख्य बिंदु (Key Highlights):
विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा, जिससे कार्यवाही बाधित रही।
आर्थिक सुधारों और सामाजिक योजनाओं से जुड़े बिल अधर में अटक गए।
संसद का बहुमूल्य समय हंगामे और स्थगन में नष्ट हुआ।
सांसदों की भागीदारी कम दिखाई दी और उत्पादकता ऐतिहासिक रूप से गिर गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा 29% और राज्यसभा 34% ही चली, संसद का ‘सबसे कम उत्पादक’ मानसून सत्र – मुख्य बिंदु लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए गंभीर संकेत हैं। संसद जनता की आवाज़ होती है, और जब उसकी कार्यवाही बाधित होती है तो विकास और नीति-निर्माण पर सीधा असर पड़ता है।
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