चीन की 2025 सैन्य परेड: पूरी जानकारी
📌 प्रस्तावना
3 सितंबर 2025 को चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में अपनी अब तक की सबसे बड़ी और भव्य सैन्य परेड (Military Parade) आयोजित की।
इस परेड में चीन ने न केवल अपनी अत्याधुनिक सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि वह वैश्विक मंच पर एक बड़ी शक्ति है।
📌 परेड का उद्देश्य
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द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाना।
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चीन की नई सैन्य तकनीक और रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित करना।
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पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका, को यह संकेत देना कि चीन अब वैश्विक राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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घरेलू स्तर पर जनता के बीच राष्ट्रवाद और देशभक्ति को मजबूत करना।
📌 परेड की प्रमुख झलकियाँ
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स्थान और समय: बीजिंग का तियानमेन स्क्वायर, सुबह 9 बजे से आयोजन शुरू हुआ।
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उपस्थिति: लगभग 50,000 से ज्यादा लोग और हजारों सैनिक शामिल हुए।
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वैश्विक नेता: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन विशेष अतिथि थे। किम की बेटी जु ऐ (Ju Ae) भी पहली बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर नजर आईं।
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सुरक्षा: आयोजन स्थल पर उच्चतम स्तर की सुरक्षा व्यवस्था की गई।
📌 हथियारों और तकनीक का प्रदर्शन
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हाइपरसोनिक मिसाइलें (DF-61 जैसी)
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इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) – Dongfeng-31, Julang-3
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ड्रोन और अंडरवाटर ड्रोन यूनिट्स
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नई पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर
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लेजर हथियार और रोबोटिक सिस्टम (पहली बार सार्वजनिक प्रदर्शन)
👉 चीन ने इस परेड में दिखाया कि उसकी एयर, नेवी और आर्मी तीनों सेनाएँ आधुनिक तकनीक से लैस हैं।
📌 शी जिनपिंग का भाषण
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शी जिनपिंग ने युद्ध की पीड़ा और बलिदान को याद करते हुए कहा कि दुनिया के सामने आज भी शांति बनाम युद्ध और संवाद बनाम टकराव का विकल्प है।
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उन्होंने यह संदेश दिया कि चीन शांतिपूर्ण विकास की राह पर चलेगा लेकिन यदि कोई उसे चुनौती देगा तो वह पूरी ताकत से जवाब देगा।
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भाषण के दौरान राष्ट्रवाद और "चीन पुनरुत्थान (China Renaissance)" पर विशेष जोर दिया गया।
📌 अंतरराष्ट्रीय संदेश
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चीन, रूस और उत्तर कोरिया की एकजुटता ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए स्पष्ट संकेत दिया कि एक नया गठबंधन (Axis) बन रहा है।
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अमेरिका और पश्चिमी मीडिया ने इस परेड को चीन की सैन्य शक्ति और राजनीतिक महत्वाकांक्षा का प्रतीक बताया।
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डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर कहा कि पुतिन और किम के साथ चीन का यह गठजोड़ अमेरिका के खिलाफ साजिश है।
📌 भारत और एशिया पर असर
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भारत के लिए यह परेड संकेत है कि चीन अपनी सैन्य क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है।
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दक्षिण चीन सागर, ताइवान और भारत-चीन सीमा विवाद में यह शक्ति प्रदर्शन आने वाले समय में असर डाल सकता है।
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एशिया में शक्ति संतुलन और भी जटिल हो गया है।
📌 सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
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आयोजन स्थल | तियानमेन स्क्वायर, बीजिंग |
तिथि | 3 सितंबर 2025 |
उद्देश्य | WWII विजय की 80वीं वर्षगांठ, सैन्य शक्ति प्रदर्शन |
प्रमुख हथियार | हाइपरसोनिक मिसाइल, ICBM, ड्रोन, लेजर हथियार, स्टील्थ जेट |
मुख्य अतिथि | पुतिन (रूस), किम जोंग-उन (उत्तर कोरिया), Ju Ae |
मुख्य संदेश | चीन का पुनरुत्थान, पश्चिम विरोधी संदेश, शांतिपूर्ण विकास का दावा |
वैश्विक प्रतिक्रिया | अमेरिका और पश्चिम में चिंता, ट्रम्प की आलोचना |
आयोजन और माहौल
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समय और स्थान: परेड सुबह 9 बजे शुरू हुई और लगभग 70–90 मिनट तक चली।
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दर्शक: तियानमेन स्क्वायर में 50,000 से अधिक लोग उपस्थित थे, जिसमें उच्च सुरक्षा एवं तैयारी शामिल थी।
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उद्देश्य: यह परेड चीन की सैन्य ताकत, राष्ट्रीय पुनरुत्थान की कहानी और अमेरिका व पश्चिम के प्रभुत्व के विरुद्ध केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करती है।
हथियार और तकनीकी प्रदर्शन
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हाइपरसोनिक मिसाइलें, अंडरवाटर (ड्रोन) यूनिट्स, और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) शामिल थे — जैसे DF-61, Julang-3, Dongfeng-31 इत्यादि।
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ड्रोन, युद्धक हेलीकॉप्टर, और नई पीढ़ी के स्टील्थ विमान भी प्रदर्शित किए गए।
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कुछ प्रणाली पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई गईं, जैसे लेजर हथियार और ‘रॉबोट वुल्फ’ युक्त उपकरण।
अंतरराष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति
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पुतिन और किम जोंग-उन, जो पश्चिम में निर्वासित समझे जाते हैं, प्रमुख अतिथि रहे। किम की बेटी Ju Ae भी उनके साथ आईं, जो पहली बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर नजर आईं।
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इस सार्वजनिक एकता ने चीन, रूस, उत्तर कोरिया, ईरान जैसे देशों के बीच बढ़ते साझेदारी को दर्शाया, जिसे कुछ ने “उथल-पुथल का अक्ष” बताया।
चिनियाँ राष्ट्रवाद व संदेश
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शी जिनपिंग ने युद्ध की पीड़ा को याद करते हुए संबोधन में कहा कि मानवता के सामने शांति और युद्ध, संवाद और टकराव का विकल्प है — और चीन शांतिपूर्ण विकास की राह पर आगे बढ़ेगा।
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उन्होंने चीन की युद्धकालीन संघर्षशील पहचान को राष्ट्रीय पुनर्जागरण का आधार बताते हुए बुजुर्गों व इतिहासकारों को श्रद्धांजलि दी।
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परेड का उद्देश्य घरेलू जनता में पार्टी और नेतृत्व के प्रति विश्वास बढ़ाना और वैश्विक परिदृश्य में चीन की भूमिका मजबूत रूप में स्थापित करना था।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
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डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की कि चीन, रूस और किम मिलकर अमेरिका के विरुद्ध "षड़यंत्र" कर रहे हैं, और साथ ही अमेरिका द्वारा WWII में चीन की आजादी के लिए दिए गए समर्थन को याद किया।
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जबकि अधिकांश पश्चिमी नेता इस आयोजन में शामिल नहीं हुए, चीन ने इसे अपने वृद्धि करते प्रभाव और पश्चिम विरोधी संदेश के रूप में पेश किया।
सारांश तालिका
विषय | विवरण |
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तिथि व आयोजन स्थल | 3 सितंबर 2025, तियानमेन स्क्वायर, बीजिंग |
उद्देश्य | WWII की 80वीं वर्षगांठ, सैन्य शक्ति प्रदर्शन, अंतर्राष्ट्रीय संदेश |
तकनीकी विशेषताएँ | हाइपरसोनिक मिसाइलें, ड्रोन, ICBM, लेजर, स्टील्थ विमान |
अतिथि नेता | पुतिन, किम जोंग-उन, किम की बेटी Ju Ae |
मुख्य संदेश | चीन का पुनरुत्थान, शांतिपूर्ण विकास, विरोधी पश्चिमी प्रभुत्व |
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया | ट्रम्प का तीखा रिएक्शन, पश्चिमी शांति-रोधी बयानबाज़ी |
📌 निष्कर्ष
चीन की 2025 की सैन्य परेड केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं थी बल्कि यह एक राजनीतिक और कूटनीतिक संदेश भी था।
इस परेड ने दिखा दिया कि चीन अब न केवल आर्थिक शक्ति है बल्कि सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भी सुपरपावर बनने की राह पर है।
यह परेड आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय राजनीति, एशिया की सुरक्षा व्यवस्था और भारत-चीन संबंधों पर गहरा असर डाल सकती है।
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